किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके लोन का क्या होता है ? लोन न चुका पाने पर जेल हो सकती है क्या |पर्सनल लोन नहीं भरा तो क्या होगा |होम लोन कैसे माफ होगा | बैंक का लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है |
Loan Rules:किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसके लोन का क्या होता है ?
दोस्तों आपको यह बात अच्छी तरह पता है कि कोई भी इंसान शौक मे अपने मौज मस्ती के लिए कभी भी किसी भी तरह का लोन नहीं लेता | बल्कि इंसान अपने जरूरत को पूरा करने के लिए लोन लेता है | चाहे होम लोन कि बात करें या पर्सनल लोन या फिर एडुकेशन लोन की |
लेकिन यह कोई नहीं जानता कि कब किसके साथ क्या हो जाये | कई बार ऐसा होता है कि लोन लेने वाले व्यक्ति कि किसी दुर्घटना मे या किसी भी तरह से मृत्यु हो जाती है | तो किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसके लोन का क्या होता है ?

किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद लोन का क्या होता है ? (Pic from Google)
इन्ही मृतको मे ऐसे कई परिवार है जिनमें मृतक अपने पीछे होम लोन या क्रेडिट कार्ड की देनदारी छोड़ गए हैं | अब इन परिवारों के मन में कई सवाल आते है जैसे- किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसके लोन का क्या होता है ? बैंक का ये बकाया पैसा कौन चुकाता है, होम लोन कैसे माफ होगा ? बैंक का लोन कैसे माफ होगा ? पर्सनल लोन नहीं भरा तो क्या होगा ? या बैंक का लोन न चुका पाने पर क्या होगा ? क्या उत्तराधिकारी को बाकी लोन चुकाना पड़ता है या फिर इसका कुछ और नियम होता है?
इस तरह के 1 हजार सवाल आते है | आखिर आए भी क्यो न बात पैसे कि जो है वह पैसे जो उसने लिया नहीं है फिर भी उसे चुकाना पड सकता है |
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बैंक या अन्य संस्थानों से लोन लेने वाले शख्स की मृत्यु के बाद इसका भुगतान किस तरह से होगा ये ज्यादातर लोन की कैटेगरी पर निर्भर करता है | क्योकि होम लोन में इसके नियम अलग होते हैं तो पर्सनल लोन के लिए अलग तरह से कार्रवाई की जाती है | जानकारों के अनुसार जहां होम लोन और वाहन लोन के मामलों में रिकवरी करना आसान होता है वहीं पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन के केस में रिकवरी करना थोड़ा मुस्किल हो जाता है |
इसलिए आपको हर लोन के हिसाब से समझना होगा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसके लोन का क्या होता है ? या इसकी रिकवरी बैंक कैसे करता है | आइए जानते हैं मृत्यु के बाद लोन से जुड़े नियम क्या हैं और किस तरह इसका भुगतान किया जा सकता है | और बैंक कि कार्यवाही से बचा जा सकता है |
Home लोन का क्या है नियम
दरअसल, जब भी होम लोन लिया जाता है तो लोन के एवज में घर के कागज गिरवी रखे जाते हैं या प्लॉट कि रजिस्ट्री बैंक के पास रखनी होती है | होम लोन की स्थिति में जब उधार लेने वाले शख्स की मृत्यु हो जाती है तो Co-applicant पर इसकी जिम्मेदारी होती है | या फिर व्यक्ति के उत्तराधिकारी पर लोन जमा करने की जिम्मेदारी बन जाती है |
अगर वो लोन का भुगतान कर सकते हैं तो ही उन्हें जिम्मेदारी दी जाती है | और लोन का भुगतान करने मे असमर्थ होते है तो उनको एक ऑप्शन दिया जाता है कि वो संपत्ति बेचकर लोन का भुगतान करें | अगर ऐसे भी नहीं होता है तो बैंक लोन के एवज में रखी गई संपत्ति को नीलाम कर देता है और इससे लोन की बकाया राशि वसूल लेता है |
इसके अलावा कई बैंक एक और नया रास्ता अपनाने लगे है | बैंक लोन लेते वक्त ही लोन का इंसुरेंस करा देता है | और अगर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो बैंक इंश्योरेंस के माध्यम से अपना पैसा निकलवा लेता है | इसलिए जब भी आप लोन लेते हैं तो आप बैंक से इस इंश्योरेंस के बारे में पूछ सकते हैं |
पर्सनल लोन का क्या है नियम
पर्सनल लोन के मामले में भी कुछ इसी तरह है | बैंक कर्जदार के उत्तराधिकारी से ही इसका बकाया देने को कहता है |इसलिए चुकि पर्सनल लोन की बात करें तो ये सुरक्षित लोन नहीं होते हैं और इन्हें अनसेक्युर्ड लोन की कैटेगरी में रखा जाता है | बैंक कर्जदार की मौत के बाद बकाया लोन रकम इंश्योरेंस कंपनी से डायरेक्ट वसूल लेता है |
कार लोन | वाहन लोन का क्या है नियम
वाहन लोन लेने वाले कर्जदार के मृत्यु के बाद वहीं नियम लागू होते हैं जो होम लोन के कर्जदार पर लागू होते हैं | पहले मृतक के वारिस को कर्ज चुकाने के लिए बोला जाता है और अगर वह कर्ज नहीं चुका पाता है तब बैंक मृतक के वाहन को जब्त कर उसकी नीलामी के जरिये अपना पैसा वसूलते हैं।
नियमों के अनुसार लोन चुकाने की मुख्य जिम्मेदारी सह-ऋणी या गारंटर की होती है। सबसे बड़ी बात यहां यह है कि सह-ऋणी या गारंटर उत्तराधिकारी नहीं होते हैं | अगर बकाया लोन मृतक के उत्तराधिकारी द्वारा पूरा नहीं किया जाता तो ऐसी स्थिति में बैंक मृतक की बाकी मौजूदा संपत्ति जैसे घर, कार की निलामी कर अपने बकाया लोन को वसूलते हैं |
बिज़नस लोन का क्या है नियम
बिजनेस लोन देते समय ही ये सुनिश्चित कर लेती है कि बिजनेस डूबने पर या कर्जदार की मौत होने पर कर्ज कौन चुकाएगा | वैसे बिज़नस लोन secured लोन के अंतर्गत आता है | बैंक लोन का इंश्योरेंस करा के कर्जदार से उसका प्रीमियम भी लिया जाता है और फिर कर्जदार की मौत के बाद बीमा कंपनी से बची हुई रकम वसूली जाती है |
बिजनेस लोन के मामले में कर्ज की रकम के बराबर कोई संपत्ति जैसे- घर, जमीन, सोना, शेयर्स, एफडी वगैरह गारंटी के तौर पर गिरवी रखी जाती है | कर्जदार की मौत होने के बाद इन्हें बेचकर कर्ज वसूला जाता है |
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क्रेडिट कार्ड का बिल कौन भरता है
दोस्तों, आजकल लगभग हर व्यक्ति के पास क्रेडिट कार्ड है क्योंकि यह लेना बेहद आसान है | बैंक आकर्षक scheme बना कर लोगों को क्रेडिट कार्ड देते हैं और क्रेडिट कार्ड के जरिए पेमेंट करने पर कैश बैक सहित कई अन्य सुविधाएं भी देते हैं | ग्राहकों को बैंक द्वारा निर्धारित की गई तारीख के अंदर क्रेडिट कार्ड का बिल भरना पड़ता है | यदि ग्राहक ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनसे बजाज के साथ पैसे वसूले जाते है | या आप यह भी कह सकते है ग्राहक से पेनाल्टी वसूली जाती है | अब ऐसी condition मे बिल भरने से पहले क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु हो जाती है तो रकम मृतक के उत्तराधिकारी से वसूली जाती है |
एडुकेशन लोन का नियम
उच्च शिक्षा के लिए कई लोग एजुकेशन लोन लेते हैं | यह अपने बच्चे के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए बेहद लाभदायक है | लेकिन एजुकेशन लोन बिना किसी गारंटी के नहीं दिया जाता | इसलिए अगर लोन लेने वाले ब्यक्ति की मौत हो जाती है तो बैंक वसूली के लिए गारंटर के पास जाते हैं और उनसे बकाया राशि ली जाती है |
निष्कर्ष
दोस्तों मैंने इस लेख (किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसके लोन का क्या होता है ? ) लोन न चुका पाने कि condition मे बैंक का कर्जदार प्रति कैसा रवैया रहता है और बैंक अपने पैसे को कैसे वसूलता है | इस बात कि जानकारी step by step आपको देने कि कोशिश कि है | यदि आपके साथ या आपके किसी चाहने वाले के साथ ऐसी कोई घटना घटती है तो आप परेशान बिलकुल भी न हो | बल्कि समझदारी से काम ले |
क्योकि आपका भी कुछ अधिकार है | मैं आपको अपने next आर्टिक्ल मे इस बात कि जानकारी दूंगा कि यदि आप बैंक का लोन नहीं चुका पाते है तो आपको क्या करना चाहिए | क्योकि ऐसी कंडिशन मे आपके पास भी कुछ ऐसे अधिकार है जिसको अपना कर राहत कि संस ले सकते है |